The Art of Detachment by Shubham Kumar Singh |
Books Highlights
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आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में, हम अक्सर अनजाने में कई चीज़ों से जुड़ जाते हैं \- रिश्ते, करियर की उम्मीदें, दूसरों की राय, असफलता का डर, बीता हुआ कल और आने वाले कल की चिंता। यह अत्यधिक **लगाव \(अटैचमेंट\)** हमें अंदर से थका हुआ, खाली और बेचैन महसूस कराता है। यह सारांश **डिटचमेंट \(अलग होने की कला\)** की अवधारणा को गहराई से समझाता है, यह बताते हुए
... See moreडिटचमेंट का महत्व
डिटचमेंट का मतलब केवल चीजों को छोड़ना नहीं, बल्कि मानसिक शांति के लिए अव्यवस्था से मुक्त होना है।
यह हमें सिखाता है कि रिश्तों या लक्ष्यों के साथ बंधना हमें कमजोर बना सकता है।
इंसान की जटिलता
18 से 44 वर्ष की आयु के लोग अक्सर व्यस्त रहते हुए भी खाली महसूस करते हैं।
वे दूसरों की अपेक्षाओं और अपने डर से जूझते हैं, जिससे मानसिक थकान होती
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