ट्वेल्थ फेल | Twelfth Fail | 12th Fail: Hara Wahi Jo Ladaa Nahi!!! (Hindi Edition)
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ट्वेल्थ फेल | Twelfth Fail | 12th Fail: Hara Wahi Jo Ladaa Nahi!!! (Hindi Edition)
मनोज के मैच न खेलने का दुःख एसडीएम की इस तारीफ से खत्म हो गया।
सुख, दुख, क्रोध, विषाद से परे उनका चेहरा पूर्ववत जड़ बना रहा।
क्रिकेट की मीटिंग में अचानक मनोज के सामने उसके घर की दीन—हीन और जर्जर दशा का दृश्य आ गया।
पिता को नौकरी करने के अपने अंदाज पर किसी का हस्तक्षेप पसन्द नहीं था।
यह किताब इसलिये भी ज़रूरी है ताकि हमें ज़िंदगी को समझने, जीने और निभाने की कला समझ आए।
मुझे लगता है कि हर युवा को इस उपन्यास से गुज़रना चाहिये।
आप पाएंगे कि आपके अंदर कुछ बुरा था जो पिघल गया है, कुछ अच्छा था जो मजबूत हुआ है और अब आप ज़िंदगी के प्रति पहले से कुछ ज़्यादा सहज और आशावान हो गए हैं….
हमेशा अपनी दबंगई में रहने वाला जौरा थाने का थानेदार कुशवाह भी अपने से आधी उम्र के एसडीएम के सामने हाथ बांधे खड़ा था।
मम्मी अपने खानदान पर पिता के कटाक्ष से त िलमिला गई—