ट्वेल्थ फेल | Twelfth Fail | 12th Fail: Hara Wahi Jo Ladaa Nahi!!! (Hindi Edition)
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ट्वेल्थ फेल | Twelfth Fail | 12th Fail: Hara Wahi Jo Ladaa Nahi!!! (Hindi Edition)
मनोज के मैच न खेलने का दुःख एसडीएम की इस तारीफ से खत्म हो गया।
पिता को नौकरी करने के अपने अंदाज पर किसी का हस्तक्षेप पसन्द नहीं था।
भविष्य के प्रति निराश और अनिश्चित मनोज अपने घर पहुँच गया।
सुख, दुख, क्रोध, विषाद से परे उनका चेहरा पूर्ववत जड़ बना रहा।
मम्मी अपने खानदान पर पिता के कटाक्ष से तिलमिला गई—
“पर उसके लिए ट्वेल्थ पास करना जरूरी है। तुम कैसे करोगे मनोज? सुना है इस साल एसडीएम नकल नहीं होने देगा।”— पुलिया पर बैठे दूसरे लड़के ने मनोज को नई जानकारी दी।
जब कभी आँख बंद करके इन दोनों की कहानी याद करता हूँ तो दुनिया पर भरोसा बढ़ जाता है!
मुझे लगता है कि हर युवा को इस उपन्यास से गुज़रना चाहिये।
“जे तो एसडीएम दुष्यंत सिंह है।”