
Musafir Cafe (Hindi)

प्यार जैसा शब्द खोजने के बाद दुनिया ने नए शब्द ढूँढ़ना बंद कर दिया जबकि दो लोग आपस में रोज कुछ ऐसा नया ढूँढ़ लेते हैं जिसको प्यार बोलकर छोटा नहीं किया जा सकता।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
बातें खत्म हो जाना हमेशा बुरा नहीं होता। कभी-कभी ऐसे मोमेंट्स अगली पूरी जिंदगी में होने वाली तमाम बातों को आने के लिए जगह बनाते हैं।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
कहानी लिखने की सबसे बड़ी कीमत लेखक यही चुकाता है कि कहानी लिखते-लिखते एक दिन वो खुद कहानी हो जाता है।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
अपनी जिंदगी के बारे में किताब की तरह सोचने से समझ में आता है कि हम रोज कैसी टुच्ची जिंदगी जीने के लिए मरे जा रहे हैं।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
पुरानी जगहों पर इसलिए भी जाते रहना चाहिए क्यूँकि वहाँ पर हमारा पास्ट हमारे प्रेजेंट से आकर मिलता है। लाइफ को रिवाइंड करके जीते चले जाना भी आगे बढ़ने का ही एक तरीका है।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
जिनको गहरी नींद नहीं आती वो समझ पाते हैं कि दुनिया में सुबह से अच्छा कुछ होता ही नहीं। किसी भी चीज को हम सही से समझ ही तब सकते हैं जब हम उसको पाकर खो दें। पाकर पाए रहने वाले अक्सर चूक जाया करते हैं।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
पहली बार के बाद हम बस अपने आप को दोहराते हैं और हर बार दोहरने में बस वो पहली बार ढूँढ़ते हैं।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
असल में बातें हमेशा अधूरी ही रहती हैं। ऐसा तो कभी होता ही नहीं कि हम बोल पाएँ कि मेरी उससे जिंदगी भर की सारी बातें पूरी हो गईं। हम सभी अपने-अपने हिस्से की अधूरी बातों के साथ ही एक दिन यूँ ही मर जाएँगे।
Divya Prakash Dubey • Musafir Cafe (Hindi)
‘यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी जीवनी लिखने लगे तो संसार में सुंदर पुस्तकों की कमी न रहे’।