Sublime
An inspiration engine for ideas
राष्ट्रकवि श्री मैथिलीशरण गुप्तजी
Ramdhari Singh Dinkar • Rashmi Rathi (Hindi)
रश्मिरथी नामक यह विनम्र कृति
Ramdhari Singh Dinkar • Rashmi Rathi (Hindi)
जब विघ्न सामने आते हैं, सोते से हमें जगाते हैं, मन को मरोड़ते हैं पल-पल, तन को झँझोरते हैं पल-पल। सत्पथ की ओर लगाकर ही, जाते हैं हमें जगाकर ही।
Ramdhari Singh Dinkar • Rashmi Rathi (Hindi)

जहाँ भी स्थूलता एवं वर्णन के संकट में फँसने का भय है, उस ओर कवि-कल्पना जाना नहीं चाहती। लेकिन, स्थूलता और वर्णन के संकट का मुकाबला किए बिना कथा-काव्य लिखनेवाले का काम नहीं चल सकता।
Ramdhari Singh Dinkar • Rashmi Rathi (Hindi)
एक स्कूल के प्रधानाचार्य, सब-रजिस्ट्रार, जन-सम्पर्क के उप-निदेशक, भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति, भारत सरकार के हिंदी सलाहकार
Ramdhari Singh Dinkar • Rashmi Rathi (Hindi)
ज्यों-ज्यों मिलती विजय, अहं नरपति का बढ़ता जाता है, और ज़ोर से वह समाज के सिर पर चढ़ता जाता है।
Ramdhari Singh Dinkar • Rashmi Rathi (Hindi)
इस सरल-सीधे काव्य को भी किसी भूमिका की जरूरत है, ऐसा मैं नहीं मानता; मगर, कुछ न लिखूँ तो वे पाठक जरा उदास हो जाएँगे ज ो मूल पुस्तक के पढ़ने में हाथ लगाने से पूर्व किसी-न-किसी पूर्वाभास की खोज करते हैं।