
kashi ka assi (Hindi)

‘जो पठितव्यम् तो मरितव्यम्, न पठितव्यम् तो मरितव्यम्, फिर दाँत कटाकट क्यों करितव्यम् ?’
Kashinath Singh • kashi ka assi (Hindi)
हाँ, इतना जरूर समझा कि पसीने से ज्ञान का बड़ा गहरा सम्बन्ध है !
kashi ka assi (Hindi)
‘जो पठितव्यम् तो मरितव्यम्, न पठितव्यम् तो मरितव्यम्, फिर दाँत कटाकट क्यों करितव्यम् ?’
हाँ, इतना जरूर समझा कि पसीने से ज्ञान का बड़ा गहरा सम्बन्ध है !